यूपीआई पेमेंट करने वालो के लिए नई मुशीबत, सभी के लिए नया नियम लागू UPI New Rule

UPI New Rule: डिजिटल भुगतान करने वाले लोगों के लिए एक नई परेशानी सामने आई है। यूपीआई से लेन-देन करने वालों को अब कुछ नए नियमों का पालन करना होगा। यह नियम भारतीय रिजर्व बैंक और एनपीसीआई द्वारा लागू किए गए हैं। अगर आप रोजाना यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए जरूरी है। इन बदलावों से यूपीआई पेमेंट की प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है। अब आपको हर ट्रांजेक्शन के लिए सतर्क रहना होगा।

हर दिन के लिए बैलेंस चेक की सीमा

अब यूपीआई यूजर्स 24 घंटे में सिर्फ 50 बार ही अपने बैंक खाते का बैलेंस चेक कर पाएंगे। इससे ज्यादा बार बैलेंस जांचने पर सुविधा अस्थायी रूप से बंद हो सकती है। जो लोग कई बैंक खातों से जुड़े होते हैं, उनके लिए यह लिमिट और भी कम है। मोबाइल नंबर से लिंक किए गए खातों की संख्या को चेक करने की सीमा अब सिर्फ 20 बार तय की गई है। इससे फर्जी ट्रांजेक्शन और डेटा लोड पर नियंत्रण की कोशिश की गई है। अब जरूरत के अनुसार ही बैलेंस जांचने की आदत डालनी होगी।

ऑटोपे फीचर के लिए नया टाइम स्लॉट

यूपीआई के ऑटोपे विकल्प में समय सीमा तय कर दी गई है। अब यूजर केवल सुबह 10 बजे से पहले या दोपहर 1 से 5 बजे के बीच ही ऑटोपे ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। इसके अलावा किसी भी समय ऑटोपे का प्रयोग मान्य नहीं होगा। यह बदलाव सुरक्षा कारणों से लागू किया गया है। इस नए नियम से रात में होने वाली धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा। इसलिए आपको अपने सब्सक्रिप्शन की टाइमिंग सही रखना जरूरी होगा।

फेल्ड ट्रांजेक्शन की अब सीमित कोशिश

अगर आपका यूपीआई पेमेंट फेल हो जाता है, तो अब आप केवल तीन बार ही दोबारा प्रयास कर सकते हैं। इसके बाद आपको इंतजार करना होगा या नया ट्रांजेक्शन करना होगा। इससे सिस्टम पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा और गलत प्रयासों पर नियंत्रण रहेगा। यह नियम धोखाधड़ी की कोशिशों को रोकने के लिए जरूरी माना जा रहा है। अब हर ट्रांजेक्शन सोच-समझकर करना जरूरी हो गया है।

हर उपयोगकर्ता के लिए समान नियम

इन नियमों का पालन हर यूपीआई उपयोगकर्ता को करना अनिवार्य होगा। चाहे वह आम ग्राहक हो या व्यापारी, सभी पर यह सीमाएं लागू होंगी। इससे सिस्टम में समानता और पारदर्शिता बनी रहेगी। कोई भी बैंक या एप इस नियम से छूट नहीं दे सकता। इसलिए सभी लोगों को अपनी आदतों में बदलाव करना होगा। यूपीआई का इस्तेमाल अब पहले से अधिक जिम्मेदारी से करना होगा।

नए बदलावों से कैसे निपटें

इन नए नियमों के बाद आपको अपनी डिजिटल भुगतान की रणनीति बदलनी होगी। बार-बार बैलेंस चेक करने से बचें और जरूरी समय पर ही ट्रांजेक्शन करें। ऑटोपे के लिए तय समय का पालन करें और फेल ट्रांजेक्शन की स्थिति में जल्दबाज़ी न करें। हर सुविधा का इस्तेमाल सोच-समझकर करना अब जरूरी हो गया है। अगर किसी भी बात को लेकर संदेह हो तो अपने बैंक से संपर्क करें। जागरूक और सावधान रहकर ही आप इन नियमों के अनुसार सुरक्षित रह सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। नियमों में समय-समय पर बदलाव संभव है। कृपया लेन-देन से पहले अपने संबंधित बैंक या यूपीआई एप की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी लें।

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